ब्राहम्ण वर्ण में गौड़, सास्वत, पालीवाल, जोगी, बैरागी, जांगडा, कन्याकुब्ज, वैष्णव, त्यागी/भुमिहार, डोंगरे आदि प्रकार/जातियां है
उसी प्रकार क्षत्रिय वर्ण में राजपूत, गुज्जर, जाट, यादव, गौड़ ब्राह्मण, भुमिहार आदि प्रकार/जातियां है
उसी प्रकार वैश्य वर्ण में बनिया, पंजाबी आदि प्रकार/जातियां है
शुद्र वर्ण में नाई, धोबी, तेली, लुहार आदि जातियां है
वैसे आजकल हर जाति हर तरह का काम कर रही है इसलिए अब हर कोई वर्ण या जाति अनुसार कार्य नहीं कर सकता... अब लगभग हर वर्ण/जाति के लोग हर तरह का काम कर रहे हैं
सबका अपना अपना अलग अलग इतिहास आजकल बना हुआ है कोई अपने आप को किसी से कम नहीं समझता और ना ही समझना चाहता है.. जिस जगह जिस जाति/धर्म की बहुलता है आजकल वहां वो ही क्षत्रिय बना हुआ है
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