Thursday 16 July 2020

शहीद चन्द्रशेखर आजाद


क्राँतिकारियों के कुछ एक मार्मिक किस्से आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ...पढ कर जिसकी आँखों में पानी न आए...वो स्वंम को पत्थर दिल घोषित कर ले...!!!

H.R.A जो बाद में H.S.R.A बनी.... के सदस्य और चंद्रशेखर आजाद के साथी विश्वनाथ वैश्मपायन जिन्हें काकौरी कांड में सजा भी हुई थी...उन्हौंने एक किताब लिखी...अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद...उस किताब के कुछ संस्मरण आपके सामने रखता हूँ...!!!

लाहौर षड़यंत्र केस में सहारनपुर से शिव वर्मा,जयदेव कपूर,डा. गया प्रसाद केवल इसलिए पकड़े गए कि कहीं जाने के लिए पैसे नहीं थे...!!!बेचारे पैसों की तंगी में कहीं भाग ही नहीं पाए और दुश्मन गोरी सरकार के जाल में फँस गए...!!!

काकौरी काँड में सजा पाए क्राँतिकारी योगेश चंद्र चटर्जी को छुड़ाने को आजाद,भगत सिँह,बटुकेश्वर,शिव वर्मा,भगवानदास माहौर,सदाशिव सभी कानपुर पहुँचे...मगर कानपुर पहुँच कर आजाद की जेब कट गई...सारे पैसे आजाद जी के पास होते थे योगेश बाबू हथकड़ियां बजाते साथियों के आगे से निकल गए मगर बिना पैसे योगेश बाबू को छुड़ाने का मतलब ये था कि पूरी पार्टी के पकड़े जाने का जोखिम...आजाद के आदेश से सारे क्राँतिकारी वापस आ गए मगर मकान पर आकर सब फूट फूट कर रोए...उस दर्द का अंदाज उनके सिवा और कौन लगा सकता है...!!!

क्राँतिकारियों के पास केवल एक ही जोड़ी अच्छे कपड़े होते थे...अच्छे कपड़े इसलिए रखने पड़ते थे ताकि अंग्रेजों की नजर में ना आएं...Gentleman दिखाई पड़े...!!!

मकान पर आजाद जैसा क्राँतिकारी लंगोटी में ही रहता था...और ठंड में लगोंटी में ही जमीन पर अखबार बिछाकर अपनी धोती ओढकर सो जाया करते थे...!!!जिस सर्दी में बड़े बड़े नेता सर्दी को दूर करने के लिए वाईन का सहारा लिया करते थे उस सर्दी से दो दो हाथ हमारे क्राँतिकारियों की पतली सी धोती ही करती थी...!!!

जब सांर्डस की हत्या की गई तब उन महान क्राँतिकारियों के पास एक चव्वनी तक नहीं थी...जयगोपाल जो बाद में मुखबिर बना वो दस रुपए कहीं से माँग कर लाया और तब कुछ खाना नसीब हुआ...!!!

जब आजाद शहीद हुए तो उनके मृत शरीर को लातें मारी गई...अफसरों ने अपने कुत्तों से मृत देह का खून चटवाया...लाश के अपमान के वास्ते पार्थिव देह को जमीन पर घंसीटा गया...गालियाँ दी गई...!!!

कई बार खाना कम होने के कारण भगत और आजाद यह कहकर भूखे ही सो जाते ताकि बाकी साथियों का पेट भर सके...!!!ज्यादा लंबा लिखकर आपका मन उचाट नहीं करना चाहता...यहाँ उन क्राँतिकारियों के झेले कष्टों का एक प्रतिशत भी वर्णन कर पाया हूँ... इतने में ही उन वीरों के कष्टों को समझ कर दिल से उनको नमन कर देना...मेरा आशय पूर्ण हो जाएगा...!!!


No comments:

Post a Comment

ब्राह्मण

ब्राह्मण में ऐसा क्या है कि सारी दुनिया ब्राह्मण के पीछे पड़ी है। इसका उत्तर इस प्रकार है। रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदासजी न...